कायस्थ जाति को आरक्षण लेने से पहले यह कुछ बातें दिमाग़ में रख लेनी चाहिए।
सबसे पहले की कायस्थ अपना राजनीतिक नेतृत्व भूल जाएं।
दूसरा यह आरक्षण देने वाले ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज और वैश्य समाज वह काम कर जाएगी जो इतने सालों में अंग्रेज-मुग़ल नहीं कर पाए और ना ही इन मनु स्मृति माननेवाले ब्रह्मण, ब्रह्मणों के समतुल्य एक ही जाति होती है वह है कायस्थ पर जब कायस्थ पिछड़ा आरक्षण ले लेगा तो यहीं ब्रह्मण कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कायस्थों को ज़मीन पर बिठाने में, इन्होंने पहले हमारे राजनेताओं को गद्दी से उतारकर उनका अपमान किया और अब यह पूरे समाज को आरक्षण दे कर समाज को जमीन पर बिठाएंगे और हमारा अपमान करेंगे।
तीसरा पंडित, ठाकुर और बनिए इनको अपनी बराबरी में कोई नहीं चाहिए परंतु आज तक कायस्थ समाज इनके बगल में बैठा हुआ है और यह इनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, केंद्रीय मंत्री मंडल में अगर किसी को हटाना था तो वह इन्होंने कायस्थ रविशंकर प्रसाद को हटाया क्योंकि पता है इनका ख़ून पानी हो चुका है, अब इस बार कोई बड़ी बात नहीं है कि उत्तर प्रदेश केबिनेट में सिद्धार्थ नाथ सिंह को भी यह भगा दे और मोदी योगी अपने धडीयाली आंसू बहाना शुरू कर देंगे।
चौथा अगर मांग करनी ही है ना तो राजनीतिक नेतृत्व की करो ना कि जूते चाटने की।
पांचवां याद रखो हमारे पूर्वजों में स्वामी विवेकानंद थे जिन्होंने रामकृष्ण मिशन को विश्व प्रसिद्ध बनाया यह पंडित नहीं थे और ना ही ठाकुर बल्कि वह कायस्थ थे, स्वामी प्रभुपाद जिन्होंने इस्कोन बनाया वह भी कायस्थ थे, महर्षि महेश योगी, औरोबिदो घोष जिन्होंने सनातन धर्म को विश्व प्रसिद्ध बनाया उसकी भी उपलब्धियां तुमसे छीनेंगे।
अब इतना बताने के बाद भी समाज ने एक सुर में आरक्षण का विरोध नहीं किया तो अपनी औकात आने वाले समय में पहचान लो और हां अपने बड़े बुजुर्गो से भी यह सवाल करो की आपने तो कुछ नहीं किया फिर भी लाला जी कहलाए पर हमको और हमारी आने वाली पीढ़ी पर काहे को क्यों सब कुछ करने के बाद भी जमीन पर बिठा रहे हैं।
जो लोग मेरा समर्थन करते हैं उनसे मेरा निवेदन है कि इस बात को जितना फ़ैला सकते हैं उतना फैलाने का काम करिए और बाकी तो कुछ समाज विरोधी लोग हैं ही पता नहीं असली कायस्थ हैं भी की नहीं जो कि अपने ही नेता के अपमान की भरपाई आरक्षण से करने को तैयार हैं।
यदि भाजपा सरकार ने अब कायस्थ समाज को नीचा दिखाने की कोशिश करी तो पूरा समाज भाजपा का विरोध करेगा और साथ ही साथ समाज उन लोगों से अपना नाता खत्म करेगा जिन्होंने कायस्थ OBC का पर्चा भरा है तो।
यदि कायस्थ समाज को बनवाना ही है तो EWS का पर्चा बनवा लें,
और आप खुद ही देख लीजिए यह पंडित, ठाकुर और बनिया आपके साथ EWS नहीं बांटना चाहते तो यह
आपके साथ क्या छल कर रहे हैं यह आप भी जानते हैं।
जब EWS है तो OBC कि बात ही क्यों आईं?
याद रखो हम वहीं जाती है जिसके इतिहास में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस और लोकनायक जयप्रकाश नारायण थे, अगर हम बनना जानते हैं ना तो बिगाड़ना भी जानते हैं और कायस्थ अपनी पर आया तो अंग्रेज भी नहीं बचे और ना ही इंदिरा गांधी तो भाजपा वालों सोच समझकर करना जो भी करना।
विस्वास आनंद श्रीवास्तव
फिरोजाबाद
लेखक के विचारो से कायस्थ खबर का सहमत होना आवश्यक नही है