सोती रही कायस्थ समाज की संस्थाएं और पोल पोल के खेल में व्यस्त रही आम कायस्थ का विरोध काम आया । कायस्थ समाज के लगातार विरोध के बाबजूद आखिर कार भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कॉयस्थो को आरक्षण में न शामिल किए जाने का दावा किया जिसकी जानकारी समाज को एक वायरल वीडियो के माध्यम से मिली।
अगर ये वीडियो और भाजपा प्रवक्ता का दावा सही है तो ये हमारे कॉयस्थ युवाओं की जीत है जिस तरह से लगातार पिछले एक सप्ताह से कायस्थ युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यम ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एवं व्हाट्स एप पर इसका विरोध हो रहा था तो सरकार को भी शायद इस विरोध का अहसास हुआ है।और उनके पार्टी प्रवक्ता द्वारा इसको नकारा गया है एक वीडियो कायस्थ समाज मे उनके बयान का खूब वायरल हो रहा है।
लेकिन सवाल अब ये है कि कायस्थ समाज के ये ढेरो संगठन जो कायस्थ समाज के प्रतिनिधत्व का दावा करते है क्या समाज मे इनकी कोई उपयोगिता शेष है जब समाज को इनके नेतृत्व की आवश्यकता थी तब सर्वे के नाम पर वोटिंग वोटिंग खेलते रहे या कुछ ने तो मौन धारण कर लिया।
लेकिन जैसा हम जानते है कि समाज का एक बड़ा वर्ग हमेशा से आरक्षण का विरोधी रहा है और इस बार हमारे युवा कॉयस्थो ने इसे मान सम्मान का प्रश्न बना लिया है।और इस लड़ाई को लड़ने के लिए कमर कस ली है।
कायस्थ समाज कायस्थ खबर समेत उन सभी संगठनों और उनके पदाधिकारियों का शुक्रगुजार है जिन्होंने समाज का साथ दिया। इसके साथ ही ये समाज के युवाओं की बड़ी जीत है जिन्होंने इस बार कायस्थ संगठनों की प्रतीक्षा ना करके खुद ही सरकार के सामने अपना विरोध शुरू कर दिया। देखा जाए तो कायस्थो में राजनैतिक चेतना का इतना प्रभाव काफी दिनों बाद देखा गया । इसके साथ ही कायस्थ समाज मे सम्मलित कायस्थ सरनेम इस्तेमाल करके अन्य जातियां ( दर्जी, भुर्जी, नाई की जगह कायस्थ सरनेम कहने वाले ) जिनके द्वारा आरक्षण की मांग एवं समर्थन किया गया था उनकी एक बड़ी हार है । असल में देखा जाए तो इस बार ये भगवान चित्रगुप्त वंशीय कायस्थों की जीत है और हमारे युवाओं को समर्पित है
अतुल श्रीवास्तव
लेखक के दिए विचारो से कायस्थ खबर का सहमत होना आवश्यक नही हैं