कायस्थ बोलता है : हमारे समाज में मदद शब्द क्या मायने है – संजय श्रीवास्तव नाटी
एक कहावत है की नेकी कर दरिया में डाल यह बात सही है और समाज सेवा में यह होना भी चाहिए की आप किसी की मदद करे और भूल जाये क्योकि गुणगान करने से आपकी द्वारा की मदद का कोई मूल्य नहीं रह जाता है! वैसे ही आप मदद करते है तो अपने कुलपिता के पास दर्ज हो जाता है की आपने क्या किया, आपको संतुस्टी मिली वही आपका नाम है! जहाँ तक संगठनों और संस्थाओ का सवाल है कुछ इनके बनाने के उद्देश्य को चरितार्थ करते है पर ज्यादा संख्या मंच,माला पदलोलुपता में व्यस्त है और सबकी अपनी ढपली अपना राग है अपने स्वार्थ सिद्धि में लगी है, यहॉ तक उनके कुछ तथाकथित सम्बन्ध रखने वाले दुसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते है
जहाँ तक बुरे वक्त में समाज में जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद का है संस्थाओ का सहयोग नगण्य है वो सिर्फ चंदा और मेंबर बना कर वसूली में लगी है! कुछ व्यक्ति ऐसे है जो सोसल यूनिवर्सिटी की डिग्री लिए हुए है ग्रुप्स में लिखदेते है मदद करेंगे फला नेता अभिनेता से कह दूंगा, बड़ी बड़ी डींगे हाँक देते है यहाँ तक देखने आया है की ग्रूप में बोल देते है की मदद करेंगे जब हकीकत जानो तो शून्य और जरूरतमंद को फोन करेंगे मदद का आश्वासन देंगे और फिर बाद में फ़ोन रिसीव करना बंद कर देंगे या उसको ब्लॉक कर देंगे!उसको ब्लॉक कर देंगे!
ऐसे ही वाक्या मुंबई में एक माँ का है जो अपने बच्चे के इलाज के लिए अपना घर,मकान सब गिरवी रख दिया और जब वो सिथित को नहीं संभल पाई तो समाज के बहन भाई से पिछले कई मदद से मांग रही है पर शायद समाज के बड़े बड़े नेता, अभिनेता, शिरोमणि सब के पास मदद की गुहार लगाई पर धिक्कार है ऐसे लोगो पर लोग मंच पर बड़ी बड़ी बाते करते है और जब कोई मदद के लिए संपर्क करता है तो आधी बात सुनकर फ़ोन काट देते है, या सोसल युनिवेर्सिटी में डींगे हाकने वाले फ़ोन उठाना बंद कर देते है
ऐसे समय हम सब मदद करेंगे तो मदद पाने वाले 100 में 99 तो समाज साथ आगे आएंगे! ऐसे ही एक ताजा मामला सोसल मीडिया में गाजियाबाद का वायरल हो रहा है उस वायरल की सत्यता क्या पता नहीं पर जिस तरह उसमे माँ बाप के साथ बर्ताव है गलत है क्या गाजियाबाद की बड़ी बड़ी संस्था नेता,समाजसेवी को आगे नहीं आना चाहिए ताकि ऐसे मसले जनमानस में न जाये और समाज की बदनामी न हो!
क्या हम समाज के ऐसे लोगो को जरूरतमंद के समय मदद नहीं कर सकते आप सभी से यही निवेदन है की वास्तव में आप समाज में एकता लाना चाहते है तो जमीन पर पहले नीव सही रखिये क्योकि जब एकता की नीव ही सही नहीं तो एकता का घर बनाना कभी नहीं बन पायेगा!
संजय श्रीवास्तव नाटी