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अहोई अष्टमी : माँ रहे बेटी के यहाँ, बेटे की गैरजाती में शादी के बाद माँ बाप की व्यथा, कुसम भटनागर की जुबानी

कायस्थ समाज में अक्सर ये बातें उठती है कि बच्चो की  गैर जाती में शादी क्यूँ हो , गैरजाती की बहु जब घर में आती है तो माँ बाप को बुदापे में क्या गुजरती है I ये स्टोरी गाजियाबाद की कुसुम भटनागर की हैं जो उन्होंने सोशल मीडिया पर उकेरी है I कही सुनी बात है कि माँ के कदमों तले जन्नत होती है ईश्वर ने हरेक माँ को अपनी संतान के लिए ममता और प्रेम का उपहार दिया लेकिन हरेक संतान को अपने माता-पिता के लिए ऐसी करूणा नहीं दी ऐसा मुझे लगता है आज मैं उन सभी बच्चों से कुछ कहना चाहती हूँ जिनकी माताऐं श्रद्धा से अहोई अष्टमी का पूजा उपवास कर रही हैं कि कभी भी अपने जीवन में अपनी माँ को दुःख मत देना जैसे मेरे दोनों लड़कों राकेश प्रसाद भटनागर एडवोकेट और मुकेश प्रसाद भटनागर चार्टर्ड एकाउंटेंट ने मुझे दिया है क्योंकि कोई भी माँ बाप अपने बच्चों को कभी बददुआ नही देते बस अपने कर्मों का फल समझ कर माफ करते रहते हैं मै अपने लड़के राकेश की हर गलती को माफ करती गयी किशोर उम्र में अपने काॅलिज की फीस लेकर घर से भाग गया जैसे तैसे पोलीटेक्नीक में दाखिला करवाया गया तो लडाई झगड़े के कारण हाॅस्टल से निकाला गया नौकरी पर लगवाया तो सीनियर को पीटने पर नौकरी छूट गई फिर घर में बिना पूछे अपनी शादी कर ली गैर बिरादरी की लड़की से लेकिन लोकलाज के डर से हमें रीति रिवाजों से शादी करनी पड़ी कयोंकि मेरी दो छोटी बेटियाँ भी थीं इसलिए आज सत्तर साल की उम्र होने पर भी वह अपनी पत्नी के साथ मुझे और बेटी दामाद को बुरी बुरी गालियाँ देते हैं क्योंकि मैं अपने पति के बनाए हुए घर में ही बेटी दामाद के साथ रहती हूँ अच्छा खा पी रही हूं और जीवित भी हूं घर में ही हमारे साथ दुर्व्यवहार करते रहने की उन लोगों की आदत पड़ चुकी है लेकिन जब से फेसबुक पर मैंने सार्वजनिक रूप से अपनी पीड़ा को साझा करना शुरू किया है मेरी हर नयी पोस्ट आने के बाद उन लोगों की ऐसी ही प्रतिक्रिया होती है मैं जानती हूँ कि बहुत सारे लोगों को मेरा इस तरह से अपने दोनों बेटों के बारे में लिखना बहुत बुरा लगता है इसीलिये मैं आज उन सभी बच्चों से निवेदन करती हूँ कि अपने माता-पिता को दुःख मत देना वो तुम्हें कभी कुछ नहीं कहेंगे बस मेरी तरह भगवान से यही प्रार्थना करेंगे कि प्रभू इन्हें सुबुद्धि देना भड़ास में लिखी बातो से कायस्थ खबर का सहमत होना आवश्यक नहीं है I अगरिसके प्रतिउत्तर में किसी को अपना पक्ष रखना है तो वो नीचे कमेन्ट बाक्स में रख सकता है या फिर हमें सीधे मेल कर सकता है , हम उसको इसके प्रतिउत्तर में प्रकाशित करेंगे

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