Home » चौपाल » सवाल ये है की की आखिर इस सरकार और बीमार समाज में कायस्थ समाज अपने को कैसे सुरक्षित महसूस करे : अलोक श्री

सवाल ये है की की आखिर इस सरकार और बीमार समाज में कायस्थ समाज अपने को कैसे सुरक्षित महसूस करे : अलोक श्री

हर दिन एक नयी निर्भया की कहानी और सरकार कह रही है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,,,,क्या बेटी बचा कर माँ बाप इसी शर्मसार घटना का गवाह बनते रहेंगे ? आखिर कब तक सरकार अपाहिज बनी रहेगी और प्रशासन लकवे की स्थिति में बिस्तर पर पड़ा रहेगा और बेटियाँ हैवानो की शिकार होती रहेंगी !!
इंसानियत किस कदर मरती जा रही है यह सोच कर मन कांप उठता है ..समाज में यदि शर्म कही बची होती तो आज वह खुद अपना गला घोंट लेती !! आप खुद कथाकतित एक कायस्थ निर्भया के साथ हुए दुराचार,अत्याचार और मानवीय समाज को शर्मशार कर देने वाले घटना को पढ़े ...फिर जवाब दे क्या इस संकीर्ण समाज में हमारी बेटियाँ ऐसे ही सुरक्षित रहेंगी ? सरकार बन्ने के १० दिन बात ही कायस्थ समाज की ख़ुशी काफूर हो गयी जब २४ मार्च को बदलापुर जौनपुर यूपी में १२वी का पेपर देने जा रही एक नाबालिग कायस्थ युवती को ३ मुसलमान युवको ने अगवा करके रात भर सामूहिक हैवानियत भरा दुष्कर्म किया ! अगले दिन जब वो उस युवती को कहीं ले जा रहे तब उसके भाइयो द्वारा देख लेने पर उसे मरनासन अवस्था में छोड़ कर भाग गए I #मुख्यमंत्री MYogiAdityanath ji और #प्रधानमन्त्री Narendra Modi ji को दी गयी प्रार्थनापत्र के मुताबिक़ घटना स्थल पर पहुचे पुलिस स्टेशन आफिसर ने भी लड़की के साथ दुष्कर्म किया और लड़की को मुह बंद रखने की धमकी देते हुए कहा की अगर उसने कुछ बोला तो उसके भाइयो को मार देंगे I दुर्भाग्य ने इस परिवार का दामन यही नहीं छोड़ा २७ तारीख को एक बार फाई उन तीनो ने हरिजन राम मिलन के साथ मिलकर उसको दुबारा अगवा कर लिया और सामूहिक दुष्कर्म किया I जिसके बाद पत्रकारों के दबाब में बड़ी मुस्किल से FIR दर्ज की गयी और आरोपियों को बंद किया गया I लेकिन बाद में आरोपियों द्वारा लड़की के भाइयो और एक पत्रकार पर ही राम मिलन की पत्नी द्वारा बलात्कार का इलज़ाम लगा दिया गया I लेकिन प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए माननीय उच्च न्यायलय ने हिमांशु ,प्रियांशु व् ओमप्रकाश पाण्डेय की गरफ्तारी पर रोक लगा दिया है। अपराध एक बार किया जाए या बार-बार सजा बस एक ही बार दी जाएगी जो सारे जीवन के पन्नों को एक साथ बांध देगी, जिससे फिर कुछ नया न लिखा जा सके। कितनी वेदना, कितना कष्ट, अपनी अस्मिता बचाने की कितनी छटपटाहट, किन्तु सब बेकार, शरीर ऊपर से छलनी हो तो घाव भरे। यदि शरीर भीतर से नोंचा गया हो तो भला कैसे बहता रक्त रूके !..एक पीड़ित अबला का दर्द समझना मुस्किल ही नही झकझोर देने वाला है ! अब सवाल ये है की की आखिर इस सरकार और बीमार समाज में कायस्थ समाज अपने को कैसे सुरक्षित महसूस करे I क्या कायस्थ समाज ऐसे ही प्रताड़ित होने के लिए अभिशप्त है I अलोक श्री

आप की राय

आप की राय

About कायस्थ खबर

कायस्थ खबर(https://kayasthkhabar.com) एक प्रयास है कायस्थ समाज की सभी छोटी से छोटी उपलब्धियो , परेशानिओ को एक मंच देने का ताकि सभी लोग इनसे परिचित हो सके I इसमें आप सभी हमारे साथ जुड़ सकते है , अपनी रचनाये , खबरे , कहानियां , इतिहास से जुडी बातें हमे हमारे मेल ID kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते है या फिर हमे 7011230466 पर काल कर सकते है अगर आपको लगता है की कायस्थ खबर समाज हित में कार्य कर रहा है तो  इसे चलाने व् कारपोरेट दबाब और राजनीती से मुक्त रखने हेतु अपना छोटा सा सहयोग 9654531723 पर PAYTM करें I आशु भटनागर प्रबंध सम्पादक कायस्थ खबर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*