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क्या ४०% सैलरी कायस्थ समाज के हित में दान करके कायस्थ युवान के संयोजक कवि स्वप्निल ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ नेताओं /समाजसेवियों को आइना दिखा दिया है ? आशु भटनागर
आशु भटनागर I आज एक बड़ी खबर आयी की युवा कवि स्वप्निल ने अपनी सैलरी का ४०% हिस्सा कायस्थ समाज के हित में दान करने का निर्णय लिया है I जिसके बाद तमाम लोगो के फ़ोन कायस्थखबर के पास आने शुरू हुए क्या ये कोई पब्लिसिटी स्टंट है या वाकई सच है I लेकिन तमाम सवालों के बीच बड़ा सवाल ये उठा की क्या ये कदम उठा कर पब्लिसिटी से अलग कवि स्वप्निल ने ऐसे नेताओं के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है जो आज तक राष्ट्रीय /अन्तराष्ट्रीय कायस्थ नेता बन रहे थे ? ऐसे नेता जो आज तक सिर्फ कायस्थ लोगो को जोड़ने का ही दावा कर रहे थे ? ऐसे नेता जो आज तक सिर्फ मदद के लिए सोशल मीडिया पर अपील लगाने को ही अपनी समाज सेवा का हिस्सा मान रहे थे ? क्या उनके लिए स्वप्निल एक आइना बन गए है जिसमे अपनी साफ़ तस्वीर दिखने के लिए बड़े काम ज़मीन पर करने का वक्त आ गया है
४०% ना भी करे कोई तो ४% के साथ आज तक कितने नेताओं ने ऐसे कदम उठाये है I आर के सिन्हा , राजन श्रीवास्तव , डा ज्योति श्रीवास्तव, राम प्रकाश श्रीवास्तव, धीरेंद्र श्रीवास्तव जैसे कुछ नामो को छोड़ दें तो कितने संगठनों के नेताओं मंथली ऐसे डोनेशन की घोशनाए की है ? तो क्या कवि स्वप्निल कायस्थ समाज में वाकई संगठन के नाम पर व्हाट्स अप्प ग्रुप और पूजा समीतियो के नेताओं के सामने एक बड़ी लाइन खीच रहे है जहाँ अब समाज के ऐसे नेताओं को हवाहवाई दावो और मदद की अपील जैसे कारनामे छोड़ कर सच में ज़मीन पर कार्य करने का दबाब बनेगा I क्या वाकई कायस्थ समाज में अब मदद के नाम पर चंदा लेकर अपनी राजनीती करने वालो के लिए कठिन वक्त आ गया है ?
ऐसे में स्वप्निल जैसे युवा कायस्थ युवान के जरिये कायस्थ समाज को एक नयी उम्मीद भी बाँध रहे है जहाँ वो खुद आगे आ रहे जिसमे लोगो को प्रत्साहित कर रहे है की आइये समाज सेवा के लिए दान करना शुरू करें ना की चंदा माँगना I स्वप्निल से बातचीत में मुझे हमेशा महसूस हुआ है की वो एक सधी हुई कार्ययोजना के साथ समाज की मदद करने का सोच रहे है लेकिन उनको जोश में सचेत रहने की भी आवश्यकता है क्योंकि उनको अपने लिए ख़तरा मानने वाले मठाधीश उन्हें विभिन्न तरीको से अपने पक्ष में करने का खेल भी खेल सकते है
किसी भी नए संगठन के सामने सबसे बड़ा चैलेन्ज पुराने संगठनो और पुराने तोर तरीको से खेल खेल रहे खिलाडियों से होते है , ऐसे में जब कोई नया युवा सामने निकल कर रात है तो उसको दिग्भ्रमित या विवादित बनाने से भी ऐसे लोग नहीं चुकते है I इनके लिए विरोध , समर्थन या सामाजिक एकता के दावे करना या उसकी बड़ी बड़ी बातें करके युवाओं को भ्रमित करना भी शामिल हो सकता है I
मैं इस बात को भी समझ सकता हूँ की ऐसे लोग जल्द ही स्वप्निल से सीधे किसी मरीज के लिए अपील कर सकते है की इसकी मदद करो या उसकी करो ताकि वो उसमे उलझा कर ये साबित कर सके की स्वप्निल या कायस्थ युवान सिर्फ बातें कर रहे है काम नहीं I लेकिन इन सब से अलग आज अगर ४० प्रतिशत सैलरी दान करने की बात कहीं जा रही है तो डा राजेन्द्र प्रसाद के आदर्शो को स्वप्निल शत प्रतिशत पूरा करते दिखाई दे रहे है I और अगर आज स्वप्निल के इस प्रयास से ऐसे कुछ और नए लोग भी आगे आते है तो ये निश्चित ही एक नए युग की शुरूआत होगी निश्चित ही कायस्थ युवान भविष्य में कायस्थ समाज के लिए एक बड़ी उम्मीद होगा I
अंत में मैं स्वप्निल को इस प्रयास के लिए शुभकामनाओं के साथ साथ भगवान् चित्रगुप्त से प्रार्थना भी करता हूँ की वो तमाम षड्यंत्र और राजनीती के बीच अपनी मौलिकता और सेवा की सोच को आगे बनाए रह्खे ताकि समाज को सहायता मिले ना की सेवा के नाम पर क्रेडिट स्नेचिंग की और कहानिया ....