शहर के बाबू बाजार में लाला बेनी प्रसाद की ओर से 1897 में निर्मित प्राचीन चित्रगुप्त मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों ने परिसर के मुख्य रास्ते पर लोहे का स्थायी गेट लगाकर मंदिर और मंदिर परिसर पर पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। इसके साथ ही मंदिर का नाम बदलने को ले कायस्थ समाज में रोष है। कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने कहा है कि उनके आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त के मंदिर पर असामाजिक तत्वों के कब्जे से कायस्थों की आस्था और विश्वास को गहरी चोट पहुंच रही है। कायस्थ समाज के लोगों के साथ अतिक्रमणकारी मारपीट करने की कोशिश और मंदिर में प्रवेश करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इसे ले चित्रगुप्त मंदिर प्रबंध समिति के मुतवली व पदाधिकारियों ने स्थानीय नगर थाने को आवेदन देकर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाये जा रहे लोहे के स्थायी गेट को रोकने की दिशा में कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही एक आवेदन भोजपुर के एसपी को भी दिया गया है। शनिवार को आरा आगमन पर बिहार सरकार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार से चित्रगुप्त मंदिर प्रबंध समिति और कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद मंत्री ने डीएम को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। चित्रगुप्त मंदिर प्रबंध समिति के मुतवली और पूर्व वार्ड पार्षद दिनेश प्रसाद मुन्ना, दिनेश प्रसाद सिन्हा, प्रो. सच्चिदानंद सहाय, डॉ संदीप कुमार, दिलीप कुमार श्रीवास्तव सहित दर्जनों प्रतिनिधियों ने विधि मंत्री से मुलाकात की थी। कार्रवाई नहीं होने पर चित्रगुप्त मंदिर प्रबंध समिति और कायस्थ समाज ने आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।