संगत पंगत वार्षिक चतुर्थ के भव्य आयोजन की सभी तैयारी पूरी, आज शाम 4 बजे होगा शुभारम्भ
कायस्थ खबर डेस्क I श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर परिसर में संगत पंगत वार्षिक चतुर्थ के का तीन दिवसीय भव्य आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है I कार्यक्रम का शुभारम्भ शुक्रवार को अपराह्न में होगा। पहली बार श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर में होने जा रहे कार्यक्रम में देश भर से ने वाले कायस्थ प्रतिनिधियों में खासा उत्साह है।
संगत पंगत वार्षिक चतुर्थ के संयोजक अरबिंद श्रीवास्तव ने अतिथियों के स्वागत और उनके रहने की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है । गंगा के किनारे नौजरघाट स्थित श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर के गुम्बद को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। मंदिर के उत्तरी छोर की ओर मैदान में पंडाल और मंच बनाया गया है, जबकि उत्तर-पकिश्चम की ओर पंडाल में नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था के साथ रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।
मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर संगत-पंगत के ९ सूत्रीय कार्यक्रम पर काम होता है। इसमें शिक्षा, चिकित्सा, बेरोजगारी, गरीब व मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देने, चित्रगुप्त मंदिर दहेजरहित सामूहिक विवाह का आयोजन, कायस्थ परिवार को राजनीतिक व सामाजिक संरक्षण देने, श्री चित्रगुप्त मंदिर को तीर्थस्थल बनाने, मंदिर में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करने एवं घर-घर चित्रगुप्त भगवान की मूर्ति पहुंचाना है।
सांसद आर के सिन्हा ने कार्यक्रम में लिए गठित विभिन्न समितियों के संयोजक व सक्रिय कार्यकर्ताओं से की गई तैयारियों के बारे में पूरा फीडबैक मंदिर परिसर में पहुंच कर लिया। इस दौरान स्वागताध्यक्ष रविनंदन सहाय, सुजीत वर्मा, प्रधान महासचिव सुदामा प्रसाद सिन्हा, कुमार अनुपम, संगत पंगत यूपी के संयोजक मनोज लाल, अधिवक्ता नवीन कुमार सिन्हा, संजय कुमार सिन्हा, सीएमआर सक्सेना, रत्ना सिन्हा, लाला प्रकाश, नवल किशोर सिन्हा, कुमार अनुपम, प्रमोद कुमार सिन्हा, शालिनी सिन्हा आदि मौजूद थे।
कायस्थ खबर मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को अपराह्न चार से छह बजे तक उद्घाटन सत्र चलेगा। छह बजे सामूहिक आरती होगी। इसके बाद दो घंटे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।
30 नवंबर शनिवार को सुबह 8 से 9 बजे तक सभी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाएंगे। इस दौरान जलपान होगा। पहला सत्र पूर्वाह्न 9 बजे से दोपहर एक बजे तक होगा। एक से तीन बजे के बीच भोजन और विश्राम होगा। इसकी व्यवस्था मंदिर परिसर में ही महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। अपराह्न 3 से 6 दूसरे सत्र के बाद सायंकालीन आरती होगी। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।
एक दिसंबर को सुबह 8 बजे जुटने के बाद पूर्वाह्न 9 से अपराह्न दो बजे तक कार्यक्रम होगा। भोजन के बाद समापन सत्र होगा। इसके बाद सभी अपने-अपने स्थान को प्रस्थान करेंगे।