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बड़ा सवाल : क्या ABKM सुबोध कान्त सहाय गुट के कार्यकारणी चुनाव के आधिकारिक पत्र में कोई कानूनी गड़बड़ है ?
कायस्थ खबर डेस्क I अखिल भारतीय कायस्थ मह्सभा के वर्तमान में दो गुट चल रहे है जिनके सुबोध कान्त सहाय की अध्यक्षता वाली ABKM को लेकर एक नए विवाद की शुरुआत हो रही है I कायस्थ खबर को आज किसी सुनील कुमार ने सोशल मीडिया पर एक अखिकारिक डाक्यूमेंट शेयर किया I जिनमे सुबोध कानी सहाय वाली ABKM के कार्यकारणी सदस्यों के नाम हैं I अब नाम हैं तो कोई बात नहीं सही ही होंगे I
कायस्थ खबर ने जब इस पत्र को ध्यान से देखा तो इस पत्र में आधिकारिक तोर पर जो तारीख डाली गयी है वो कुछ और ही खेल के संकेत देती है I इस पत्र के अनुसार सबसे पहले प्रबंध समिति वर्ष २०१८ -२०२१ को काट कर २०१७- २०१८ किया गया है , जिसके बाद दिनांक २४-०२-२०१७ कोई हुए चुनाव से अगले चुनाव तक लिखा गया है I गौरतलब है कि इस डाक्यूमेंट पर सरकारी मुहर भी है जिसका मतलब है इसे SDM कोर्ट में भी दिया गया होगा
अब सवाल ये है की जनवरी में AK श्रीवास्तव और डा आशीष पारिया गुटों के आपसी समझोते के बाद सुबोध कान्त सहाय २४ फरवरी को २०१८ को आगरा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए थे I और उसके उस सभा में की गयी घोषणा के बाद दिल्ली में एक राष्ट्रीय बैठक होनी थी जिसमे ये सब नाम तय होने थे I तो इस पत्र पर तारीक २०१७ क्यूँ है ?
क्या कोर्ट में दिए गये इस पत्र में तारिख बदलने के मतलब कुछ और हैं ? क्या इस चुनाव को ३ साल लिखने की जगह अगले चुनाव तक लिखना और १ साल पहले की तारिख डालने के पीछे भी कोई खेल है ? कहीं ऐसा तो नहीं सुबोध कान्त सहाय , रविनंद सहाय के पिक्चर में आने के बाद हटने का मन बना रहे हो ?
अब सही क्या है इसकी जानकारी सुबोध कानी सहाय खुद कायस्थ खबर को भेज सकते है कायस्थ खबर सुबोध कान्त सहाय से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है जल्द ही आपको इसकी आधिकारिक जानकारी देगा
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