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पत्थरबाजो के झूठ का बड़ा खुलासा: जानिये “कायस्थ युवान” को लेकर फैलाए गये भ्रम का सच

कायस्थ खबर डेस्क I कायस्थ समाज में छल प्रपंज और आपसी खीचतान कोई नयी नहीं है , यहाँ लोगो को अपना संगठन चलाने से ज्यदा इस बात में इंटरेस्ट रहता है की दूसरा कहीं उनसे आगे ना चला जाए I ऐसा ही एक खेल का आज हम खुलासा करने जा रहे है I तो कहानी यहाँ से शुरू होती है जब कायस्थ समाज के संगठनों की भीड़ में एक नया नाम कवि स्वप्निल लाकर आते और उसे कायस्थ युवान के नाम से संस्था बनाए की शुरूआत करते है I  खैर इधर कायस्थ युवान बनता है और उधर संगठनने गुट में मिलाने की नाकाम कोशिशे चालु हो जाती है I दिन रात बड़े संगठनों के अध्यक्षों द्वारा इस युवा को फ़ोन किये जाते और अपने छिपे हुए सहयोगियों से फ़ोन करवाए जाते है जो किसी भी तरह से आश्वस्त करते हैं की स्वप्निल उनकी गुटबाजी का हिसा बन जाए , शुरूआती भ्रम के बाद स्वप्निल अपने को समाज की सभी गुटबाजी से अलग करते है और लोगो को साफ़ करते हैं की उनका कायस्थ युवान सिर्फ ३५ साल तक के लोगो को ही अपने साह जोड़ेगा I यहाँ से सभी खेल बदलना शुरू होता है और पत्थरबाज़ अपने असली रंग में आने शुरू होते है और एक संस्था के अध्यक्ष द्वारा दावा किया जाता है की कायस्थ युवान तो २०११ से पंजीकृत है और स्वप्निल ने दुसरे के संगठन को अपना बनाने की साजिश रची है I असली कायस्थ युवान के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तोर पर किसी न्यूज़ चैनेल में कार्यरत रोहित सक्सेना और अनुज निगम का नाम बताया जाता है I इसके बाद कवि स्वप्निल को रोजाना फर्जी के नाम से ट्रोल किया जाता है I मगर आरोप लगाने वाले कहीं भी ना तो उन असली लोगो के द्वारा पिछले 5 साल में किये गये काम बता पाते है और ना ही संस्था के पंजीकरण के दस्तावेज I इसी बीच कायस्थ खबर के हाथ वो दस्तावेज लगते है जिसके अनुसार कायस्थ युवान नाम के जिस संगठन का दावा रोहितसक्सेना और अनुज निगम के नाम से किया जा रहा है I दस्तावेज के अनुसार ये संस्था कायस्थ युवान नहीं युवान कायस्थ परिवार के नाम से पंजीक्रत है I कायस्थ खबर ने जब इस बारे में युवान कायस्थ परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित सक्सेना से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया की उनकी संस्था युवान कायस्थ परिवार ही है , ना की कायस्थ युवान और अगर कुछ लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसा प्रचारित करते हैं तो ये गलत है I उन्होंने इस बाबत स्वप्निल से अपनी हुई बातचीत का भी संदर्भ दिया की उन्होंने उनसे भी साफ़ कर दिया था की हम दोनों के नाम अलग अलग है इसलिए आपस में मतभेद या प्रतिस्पर्धा जैसी कोई बात नहीं और हम एक अच्छे उद्देश्य के लिए साथ आ सकते है I बहराल इस खुलासे के बाद स्वप्निल और उनके साथी अब राहत की सासन ले सकते है और कायस्थ युवान को अपने अच्छे कार्यो से उन्ही उचाइयो पर ले जा सकते है जिनके लिए उन्होंने सपना देखा था ऐसे में अब जब कायस्थ युवान और युवान कायस्थ परिवार का फर्क साफ़ हो गया है और  पत्थरबाजों की एक और कोशिश को झटका लगा है तो आगे देखना ये दिलचस्प रहेगा की अभी और कितने छल प्रपंच और आरोप प्रत्यारोप के खेल खेले जायेंगे I  

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