उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कायस्थ जाति को ओबीसी कोटा मे डालने के विचार को अंतरराष्ट्रीय कायस्थ महापरिवार के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव आलोक सिन्हा ने निंदा करते हुए कहा कि ब्रह्मवंशीय क्षत्रिय कायस्थों के स्वर्णिम इतिहास को झूठला, कायस्थों को ओबीसी कोटे मे डालने का विचार करने वाली योगी सरकार से कायस्थ जाति को ओबीसी कोटा सूची से हटाने की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय कायस्थ महापरिवार के संस्थापक राष्ट्रीय महासचिव श्री सिन्हा ने कहा है कि वैदिक परंपरा, भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म, वेदों, पवित्र धार्मिक ग्रंथों आदि मे वर्णित धार्मिक मान्यताओं के मतानुसार कायस्थ एकमात्र उच्च स्वर्ण जाति है जिसे ब्राह्मण व क्षत्रिय दोनों वर्णो को धारण करने का अधिकार प्राप्त है। श्री सिन्हा ने कहा, कायस्थ जाति ने कलकत्ता व इलाहाबाद हाईकोर्ट मे न्यायिक प्रक्रिया द्वारा कायस्थ जाति को भारतीय संविधान मे वर्णित जातिवादी व्यवस्था मे उच्च सवर्ण के तौर पर स्थान दिलवाया है। सर्वज्ञात है कायस्थ जाति के लोगो ने दुनिया को कलम चलाना सिखाया है व कलम की महत्ता समझाई है। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कायस्थों को ओबीसी कोटे मे डालने के विचार की अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महापरिवार घोर निंदा व पूर्णजोर विरोध करते हुये भाजपा शासित उत्तरप्रदेश सरकार से निवेदन करता है कि कायस्थों के स्वर्णिम इतिहास व सम्मान से खिलवाड़ ना करते हुए, विचाराधीन ओबीसी कोटे की सूची मे से कायस्थ जाति को हटाने का यत्न करे।
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