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KADOM के जबरदस्त सामजिक विरोध के बाद ABKM(KADOM) की यु टर्न , इसका उनसे कोई मतलब नहीं, रा अध्यक्ष सुबोधकान्त सहाय के के नाम से जारी हुआ पत्र

कायस्थ खबर डेस्क I KADOM को लेकर ३ दिन में ही हुए जबरदस्त सामाजिक विरोध को लेकर  सुबोध कान्त सहाय के नेतृत्व वाली ABKM(KADOM) ने देर रात अपने आप को इससे अलग कर लिया I राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कान्त सहाय के निर्देश पर रास्ट्रीय महामंत्री द्वारा जारी एक सन्देश में ABKM(KADOM) के पदाधिकारियों को इस पर ABKM(KADOM) का विचार ना बताते हुए व्यक्तिगत विचार की बात कही गयी I बड़ी बात ये है की KADOM को अब KADAM कहा जा रहा है I साथ ही KADOM कहने वाले पदाधिकारियों को तलब किया जा रहा ही इसके साथ ही पदाधिकारियों को कहाँ गया है की इसको लेकर कोई अलग बयान संस्था ना नहीं उनका व्यक्तिगत माना जाएगा I लेकिन ABKM(KADOM) के दिग्विजय सिंह कहे जाने वाले डा अरविन्द श्रीवास्तव को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा , इस आफिश्यलती ब्यान के साथ उनका भी एक बयान आया जिसमे उन्होंने KADOM का विरोध  करने वाले कायस्थ समाज के लोगो  को खटिया खटमल करार दे दिया I बहराल कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार डा अरविन्द को सख्त चेतावनी दी गयी है की अपने बयानों में समाज को या ABKM (KADOM) को लेकर भ्रम ना फैलाए I डा अरविन्द के विवादस्पद ब्यान को भी कायस्थ खबर दे रहा है
Kk खटिया के खटमलों ने कदम KADOM पर तरह तरह की टिप्पणी करना प्रारम्भ कर रखा है वे प्रबुद्ध जन शायद भूल गए की महासभा में राजनैतिक प्रकोष्ठ का गठन दशकों पहले हुआ है क्या इस प्रकोष्ठ का कार्य भजन-पूजन-भंडारा है, यदि राजनैतिक चिंतन के उपरांत श्रेष्ठ जनोँ ने "कदम" के समीकरण को समाज के बीच चरितार्थ करने का मार्गदर्शन किया तो इसमें इतनी हाय तौबा क्यो, राजनीति और रण में सिर्फ समीकरणों का ही खेल और मेल होता है। जातीय समीकरण की अहमियत सिर्फ वही समझ सकता है जिसने जनता के बीच का कोई चुनाव लड़ा होगा। एक बार पुनः महासभा के राजनैतिक प्रकोष्ठ पदाधिकारी व राजनैतिक दलों के समस्त चित्रांश-चित्रांशियो पदाधिकारी से अनुरोध है कि आप सब अपने अपने दलों में अपने समाज के नेतृत्वकर्ताओ के द्वारा उठाए गए इस कदम KADOM की चर्चा कर राजनैतिक परिक्षेत्र सर्वसमाज की सहभागिता में अपने कायस्थों की भूमिका पर कार्य करने के प्रयास की महत्वत्ता एक नया मार्ग देगी।
लेकिन इस सब के बाबजूद इस बार  कायस्थ समाज की एकजुटता सामाजिक अस्मिता  अस्मिता को बचा ले गयी है I देखना ये है की अब आगे से कोई ऐसा विचार कायस्थ समाज में कोई नहीं रखेगा कायस्थ खबर ABKM (KADOM) की विज्ञप्ति को नीचे दे रहा है कार्यालयी ज्ञाप ******* अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के समस्त स्तरीय समस्त प्रकोष्ठों सहित समस्त सम्मानित पदाधिकारी एवं सदस्यगणों को अनिवार्यता अनुपालनार्थ ।। ********* माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की ओर से ।। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ उपरोक्तानुसार सभी से अपेक्षा की जाती है कि राष्ट्रीय स्तर पर किए जारहे किसी भी विषय पर विमर्श यथा "KADAM" या अन्य कोई भी प्रकरण या विषय पर कोई भी विज्ञप्ति या सूचना राष्ट्रीय कार्यालय/ राष्ट्रीय महामंत्री से पर्याप्त विचार- विमर्श व स्वीकृति के बिना कहीं भी किसी के द्वारा जारी न कि जाय, इस अपेक्षा को अभिव्यक्त के मौलिक अधिकार पर कोई रोक न समझा जाय अपितु महासभा के प्रति अनुशासन के रूप में स्वीकार किया जाय । बगैर पूर्ण जानकारी के कोई भी विचार जल्दबाजी में पोस्ट किया जाने से समाज मे अनापेक्षित भ्रम की स्थित पैदा होती है तथा लोग अर्थ का अनर्थ लगा बैठते हैं, इसलिए अनुरोध है कि किसी भी नीतिगत मामले में अपना विचार राष्ट्रीय कार्यालय को ही प्रेषित करें सीधे पब्लिक फोरम पर नहीं , आपके द्वारा प्राप्त विचार या सजेशन पर पर्याप्त विचार महासभा स्तर पर अवश्य किया जाएगा । किसी भी उपरोक्त संबंधित व्यक्ति द्वारा यदि सीधे कोई भी पोस्ट पब्लिक की जाती है तो यह उस/ उनका अपना व्यक्तिगत विचार माना जायेगा उसका महासभा से कोई भी कुछ भी लेना देना नहीं होगा तथा उस विचार या उस पोस्ट के सम्बंध में सभी प्रकार की ज़बाब देयी संबंधित व्यक्ति की स्वयं की होगी । लेकिन उक्त ऐसी किसी पोस्ट से या विचार से महासभा के बारे में समाज में यदि कोई नकारात्मक भाव या भ्रम पैदा होता है तो इस तरह की जानकारी या विचार पोस्ट करने वाले पदाधिकारी/सदस्य/ व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी और महासभा के स्तर से अनुशासनिक कारवाही अमल में लायी जाएगी । हम स्प्ष्ट करना चाहेंगे कि KADAM को लेकर समाज में भ्रम की स्थिति बनाने का कुछ लोग कुत्सित प्रयास कर रहे हैं यह जाने बगैर की आखिर कदम का असली कांसेप्ट क्या है । कदम का अखिल भारतीय कायस्थ महासभा से कोई भी सम्बन्ध नहीं है यह बात हम लखनऊ की बैठक में ही स्प्ष्ट कर चुके हैं । कदम एक विचार है कायस्थ समाज को राजनैतिक रूप से मजबूत करने केलिये, कदम एक रणनीत है, राजनैतिक पार्टियों को कायस्थ समाज के अस्तित्व को स्वीकार कराने के लिए । जिसके क्रियान्वयन के लिए एक अलग तंत्र विकसित किया जाएगा । उससे पूर्व अभी कई बार गंभीर चिंतन किया जाना है, तभी कोई निर्णय लिए जाने की स्थिति बनेगी । कदम का अखिल भारतीय कायस्थ महासभा से कोई संबंध नहीं होगा हां राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महासभा अपनी जाति के व्यक्ति के लिए पीछे से सहयोग करने का कार्य अवश्य करेगी । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा विशुद्ध रूप से भगवान श्री चितगुप्त जी के वंशज कायस्थ समाज का सर्वमान्य व सबसे पुराना संगठन है, इसमें किसी भी प्रकार से किसी अन्यजाति, धर्म या सम्प्रदाय को सम्मलित करने या मिलाने की कभी कोई भी बात न हुई है और् नहीं कि जासकती । अतः सभी को स्प्ष्ट हो जाना चाहिए कि कदम को लेकर आधी अधूरी सूचनाओं से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा कायस्थ समाज का सर्वप्रतिष्ठित संगठन था, सर्वप्रतिष्ठित संगठन है और मात्र कायस्थ समाज का ही सर्वमान्य और सर्वप्रतिष्ठित संगठन रहेगा ।। विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री

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