चौपाल चर्चा : मेयर/चैयरमैन के चुनाव की खर्च सीमा २५ लाख है, क्या निर्दलीय कायस्थ प्रत्याशी बाकी इतना खर्च कर पायेंगे ?
कायस्थ खबर डेस्क I निकाय चुनावों में मेयर/चैयरमैन के चुनाव के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा २५ लाख है और चुनाव आयोग की चिंता ये है की लोग जीतने के लिए कम से कम २ करोर तक खर्च कर देंगे लेकिन दिखाएँगे सीमा के अंदर ही I जबकि कायस्थ प्र्याशियो के हालत देखते हुए लग रहा है की वो २५ लाख तक का खर्च भी जुटा पायेंगे या नहीं I
कायस्थ खबर ने इलाहबाद , गाज़ियाद , कानपुर , लखनऊ सभी जगह की ज़मीनी हकीकत के बाद ये राय बनाई है की निकाय चुनावों में पार्षद /मेयद.चेयरमेन के लिए कायस्थ निर्दालीयी प्रत्याशी के तोर पर खड़े तो हो गए है लेकिन चुनावों प्रबन्धन में कामयाब होते नहीं दिख रहे है I कायस्थ प्रत्याशियों का इस सब में पिछड़ने के इसके पीछे कई कारण है ,
१) कायस्थ प्रत्याशी जिद में चुनाव लढ़ रहे है, हालांकि जानते है की पैसा नहीं है
२) कायस्थ प्रत्याशी समाज के दबाब में चुनाव लढ़ रहे है और उसी से पैसे की उम्मीद कर रहे है
३) कायस्थ प्रत्याशी जानते है की जीतने की संभावना कम है इसलिए पैसा खर्च नहीं कर रहे है
४) कायस्थ प्रत्याशी सिर्फ हवा बनाने के खेल में है
ऐसे में इन चारो ही कारणों में जीतने के लिए पैसा खर्च करने के सारे कारण समाप्त हो जाते है I एक सबसे बड़ा कारण कायस्थ खबर को ये भी पता चला है की अधिकाँश कायस्थ आर्थिक तोर पर बहुत अधिक सक्षम नहीं है ऐसे में जब वो समाज की तरफ आर्थिक सहयोग के लिए देखते है तो समाज उनसे अब तक उनके द्वारा समाज के लिए किये गए कामो को पूछता है I लेकिन संतुष्ट जनक जबाब ना मिलने पर किनारे हो जाता है I
खुद प्रत्याशी भी समाज के अधिकाँश नेताओं से संपर्क साधने से बचते है जिससे समर्थन की जगह विरोध की संभावनाए बननी लगती है I जिसके बाद सिवाय आपसी खीचातानी के कुछ बचता नहीं है I कायस्थों को ब्राह्मणों से सीखना चाहए की किस तरह उन्होंने इलाहाबाद में सभी प्रमुख दलों से टिकट ले लिए है जिसके बाद जीते कोई भी होगा वो ब्राह्मण ही
लेकिन कायस्थ अगर ऐसी स्थिति होती तो तीन में से दो को बैठाने के फिराक में लग जाते I यही राजनीति सोच में कमी भी अभी तक हमारे आगे बढ़ने में एक प्रमुख कारण बा रहा है I कायस्थ समाज को अधिकसे अधिक अपने लोगो का साथ देने के साथ ही अधिक अधिक अपनी प्रतिभागिता भी बदानी होगी तभी हम राजनीती में आगे जा पायेंगे