कार्यक्रम आयोजको की तरफ से इस विवाद पर कोई बात नहीं की गयी है कार्यक्रम से जुड़े एक सदस्य ने ज़रूर इस बात को अभिषेक खरे के पैर में मोच बता कर बात टालने की कोशिश की लेकिन अभिषेक के सामने आने बाद पता चला की मोच पैर में नहीं आयोजको के सोच में थी इससे पहले विवादों के बीच इस कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ओजस्वी भाषण मे कहा कि मुझसे कायस्थो ने जो जो बाते कही है मैने सहर्ष ही स्वीकार कर ली ।जैसे उन्होने अपने मुख्य मंत्रित्व काल मे चित्रगुप्त जयन्ती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया ।तथा सचिवालय अनेक्सी का नाम बदलकर लालबहादुर शास्त्री भवन रख दिया ।उन्होने यह भी कहा कि कई कायस्थ ऊंची ऊंची पदवी पर रहे और रह रहे है लेकिन उनके बारे मे लोग यह नही जानते कि वह कायस्थ है । गृह मंत्री जी ने यह कहने मे भी संकोच नही किया कि वह डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी की महानता के बारे मे जानते हुए भी उनके दिमाग से उतर गया था कि वह कायस्थ है ।उनकी एक बात सुनकर हम लोगो को गर्व महसूस हुआ जब उन्होने कहा कि पूरे हिन्दुस्तान मे मात्र कायस्थ ही ऐसी जाति है ,देश को प्रगति और उन्नतिशील बना सकती है । कार्यक्रम मे किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के अनेको मेधावी मेडिकल छात्र /छात्राओ को 51000/रूपये प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में ओम माथुर भी बलाए गए थे इनके अलावा जयंत सिन्हा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के भी आने के दावे किये गये लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए १ दिन पहले महिला सीट घोषित होने से भी आयोजक हुए पस्त कार्यक्रम को लेकर शुरू से ही लोगो में चर्चा थी की ये कार्यक्रम लखनऊ के एक बड़े समाजसेवी परदे के पीछे से अपने लिए मेयर के टिकट के जुगाड़ में करवा रहे है सारा इंतजाम भी उन्होंने ही करवाया है I इसी लिए प्रदेश भर से बाकी कायस्थ नेताओं को भी नहीं बुलाया गया हालांकि देश भर के कायस्थ नेताओं के लोगो ने इसके लिए लाबिंग भी करी अपना घोषित समर्थन भी दिया लेकिन कार्यक्रम हाईजेक ना हो जाए इस डर से किसी को नहीं बुलाया गया I बाद में लखनऊ सीट में महिला हो जाने के बाद आयोजको का उत्साह ठंडा पढ़ गया I नीरा सिन्हा वर्षा की बढ़ी उम्मीदे कार्यक्रम मे लखनऊ की समासेवी नीरा सिन्हा वर्षा को भी मंच पर नहीं बुलाया गया , गौरतलब है की नीरा ने भी कल ही माहिला सीट घोषित होने पर अपने दावे को लेकर पोस्ट किया था जिसके बाद आयोजको उन्हें बस नीचे रखना ही मुनासिब समझामित्रों सह-संयोजक होने के उपरांत भी मैंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करें तथा इसमें सम्मिलित नहीं हुआ इस नन्ही सी बच्ची ने मुझसे एक गुजारिश करी थी वह मात्र चाहती थी की 2 मिनट 30 सेकंड का समय उसको इस कायस्थ समागम के मंच पर मिल जाए परंतु अन्य समाज के बड़े-बड़े मंत्रियों की चाटुकारिता तथा कम समय के कारण इस बच्ची को वापस लौटा दिया गया ऐसे बहुत से अन्य उदाहरण भी थे
डॉ मधुकर जिसे भी मेरी वार्तालाप हुई तथा जो जो वादे इस कार्यक्रम के आयोजन के समय करे गए थे कोई भी परिपूर्ण नहीं करा गया
यह कहना असत्य ना होगा की इस आयोजन में कायस्थ समाज की सहभागिता शून्य मात्र थी धन बल के आधार पर भाड़े की भीड़ एकत्रित करी गई थी यह भी आपको निश्चित कर दूं इस आयोजन का उद्देश्य मात्र राजनीतिक नहीं था अपितु कुछ और था
लखनऊ कायस्थ सम्मलेन के आयोजको में तकरार, सह संयोजक अभिषेक खरे नहीं हुए शामिल, प्रदेश के समाजसेवियों को भी नही बुलाया
कायस्थ खबर डेस्क I लखनऊ में हो रहे एह स्थानीय कायस्थ सम्मलेन में आयोजको में मंच को लेकर तकरार इतनी बढ़ी की कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभा रहे सह संयोजक अभिषेक खरे कार्यक्रम में आखरी वक्त में नाराज हो गए और कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए शामिल नहीं हुए I
लगभग महीने भर से इसके प्रचार में लगे और लोगो से सम्पर्क साध रहे अभिषेक ने सोशल मीडिया पर कहा