धीरज श्रीवास्तव ,रायबरेली। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव की दावेदारी के चलते अखबारों में आपने नेतृत्व में भगवान चित्रगुप्त की शोभायात्रा व कलम पूजन कार्यक्रम को कल तक बसपा में रहे अब भाजपाई होने का दावा करने वाले अरविन्द श्रीवास्तव द्वारा अपने संरक्षण में कराने की खबर एक दैनिक समाचार पत्र में छपने से कायस्थों के सभी संगठनों में आक्रोश व्याप्त हो गया । अद्वितीय चित्रांश महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने आनन फानन लाई गई पत्रकार वार्ता में उन पर तीखे हमले बोलते हुए कहा कि अपनी राजनीति के लिए अरविन्द श्रीवास्तव समाज के स्वयम्भू ठेकेदार बनकर शहर के चौतीस हजार कायस्थ मतदाताओं के मान सम्मान का सौदा करने का घ्रणित प्रयास करना उनका निंदनीय कदम है, और समाज की अस्मिता को राजनेताओं के हाथों गिरवी रखने के उनके प्रयास को सहन नही करेगी । जिलाध्यक्ष दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि अरविन्द को कलम पूजन व शोभायात्रा की विज्ञप्ति समाचार पत्रों में भेजने के लिए किसी ने अधिकृत नही किया पर भाजपा से अपनी पत्नी के लिए नगरपालिका अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिये चौतीस हजार कायस्थों का मत की ताकत का एहसास दिलाने के लिये करके समाज के साथ पाप किया। क्योंकि शोभायात्रा के लिए सदैव अनुमति व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी के लिये प्रदेश अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव अधिकृत है, उन्हें ही विज्ञप्ति भेजने का अधिकार है। महासचिव रविशंकर अतुल्य ने कहा कि समाज के साथ विश्वासघात करने की अनुमति किसी को नही दी जा सकती। समाज के शिष्टाचार,परम्पराओ का अपनी राजनीति के लिए उपयोग करने वाले समाज के शुभचिंत क नही है । यह अरविन्द ने अपने को कायस्थों का एकमात्र नेता साबित करने के लिए धोखे से किया गया कृत्य है जिसकी सम्पूर्ण समाज निंदा करता है।
कायस्थ समाज आक्रोशित
नगर पालिका सीमा में लगभग चौतीस हजार कायस्थ मतदाता है जिसको लुभाने का प्रयास हर चुनाव में किया जाता है। अरविन्द श्रीवास्तव अध्यक्ष पद का एक चुनाव पूर्व विधायक के सहयोग से लड़ चुके है। उसके बाद कायस्थ नेता के रूप में बसपा में अपने को स्थापित करने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही उन्होंने भगवा चोला ओड़कर दावेदारी जता दी। अध्यक्ष की सीट महिला के लिए आरक्षण के दायरे में आते उन्होंने अपनी पत्नी को आगे कर भगवान चित्रगुप्त की शोभायात्रा को समाचार पत्रों को भ्रामित कर अपह्रत करने का प्रयास किया जिससे कायस्थ समाज उनसे आक्रोशित हो उठा।
मामले को न्यायालय तक ले जाने पर विचार
साल दो हजार सात से अद्वितीय चित्रांश महासभा द्वारा कलम पूजन व भगवान चित्रगुप्त की शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है । जिसके प्रमाण पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में प्रस्तुत किया। महासभा इस मामले को माननीय न्यायालय तक ले जाने पर विचार कर रही है, वार्ता में कमल श्रीवास्तव, सुरेंद्र श्रीवास्तव, डाक्टर विजय श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से अवस्थित थे।
समाज को गुमराह किया जा रहा-अरविंद
अद्वितीय चित्रांश महासभा ने जिस तरह के आरोप लगाए है, वह मेरी व पत्नी सीमा श्रीवास्तव की लोकप्रियता से घबराए लोगो ने समाज को गुमराह करने के लिए किया है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अद्वितीय चित्रांश महासभा ने निश्चित रूप से कलम पूजन व भगवान चित्रगुप्त की शोभायात्रा का आयोजन किया, किंतु कायस्थों में उसको लेकर आक्रोश उतपन्न हुआ जिससे शोभायात्रा की भव्यता में कमी के साथ समाज की भागीदारी भी न के बराबर हुई। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कायस्थ परिवार में जन्म हुआ और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष पद पर कार्यरत हु । उन्होंने कहा कि आरोपो की हमको परवाह नही क्योकि बुद्धजीवी कायस्थ समाज अपना अच्छा खराब समझता है, समाज की शुभकामनाएं अपने साथ होने का दावा किया। दूसरी तरफ अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष होने का दावा ब्रजेश श्रीवास्तव ने करते हुए कहा अरविन्द का हमारे संगठन से कोई सम्बन्ध नही है।
आप की राय
आप की राय