पटना युनिवेर्सिटी के शताब्दी समारोह में ३-३ सिन्हा नेताओं की अनुपस्थिति के मायने
कायस्थ खबर ब्यूरो I पटना में आज पटना पटना युनिवेर्सिटी के शताब्दी समारोह की धूम मची है I बीजेपी और जद यु के नताओ में कार्यक्रम में दिखने की होड़ मची है I लेकिन इस पुरे कार्यक्रम में जो सबसे महत्त्वपूर्ण है वो है बिहार के ३ महत्वपूर्ण कायस्थ नेताओं की उपेक्षा I
जी हाँ हम बात कर रहे है पटना से प्रभावशाली अभिनेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघन सिन्हा , रांची (अब झारखंड ) से बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और बिहार से बीजेपी से राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा I
शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा तो इस इस युनिवेर्सिटी के पुराने छात्र होने के नाते निमंत्रण ना मिलने की बात पर अपना रोष भी जता चुके है I वही आर के सिन्हा इस समय अपने स्कुल के वार्षिक समारोह के चलते देहरादून में है I
ऐसे में बड़ा सवाल ये है की क्या पटना में बीजेपी कायस्थों को इग्नोर कर रही है या फिर एक सोची समझी योजना के तहत इन ३ प्रभावशाली कायस्थ नेताओं को किनारे करने की कोई योजना , गौरतलब है की २०१४ के समय बीजेपी में राजनाथ सिंह इस पर सवाल उठा चुके थे की आखिर पटना से कायस्थ ही प्रत्याशी क्यूँ हो ?
लेकिन इस सब में एक और चेहरा भी है जो शायद हमें दिखाई नहीं दे रहा है या हम देख नहीं पा रहे है , ये तो तय है की इस बार शत्रुघ्न सिन्हा को बीजेपी पटना साहिब से लोकसभा का टिकट नहीं देगी तो उनका उत्र्राधिकारी कौन होगा इस पर सब की निगाहें भी है लेकिन इस पुरे खेल में एक और चेहरा भी है जो बिलकुल शान्ति से अपना खेल खेल रहा है
जीहाँ पटना विश्वविद्यालय के मंच को एक बार फिर से देखिये तो आपको ब्ज्पकी २०१९ की राजनीती समझ आने लगेगी , इस मंच पर एक प्रभावशाली बीजेपी नेता और कायस्थ शिरोमणि रविशंकर प्रसाद भी है जिनको राज्यसभा में २ बार भेजा जा चुका है ऐसे में उनके लिए इस बार पटना की लोकसभा सीट बेहद सुरक्षित सीट होगी और यही वो समीकरण है जिसके चलते मोदी सरकार पटना जैसे क्षेत्र में ३ कायस्थ नेताओं को किनारे करने की गलती कर रही है
हालांकि बीजेपी की ये पालिसी उसे कितना फायदा देगी पर ये तय है की किसी भी सूरत में पटना साहिब से कायस्थ नेता को ही प्रत्याशी बनाना बीजेपी की मज़बूरी ही होगी