कायस्थ पाठशाला में सरकारी कर्मचारी के चुनाव लड़ने की पाबंदी – लोगो ने कहा तानाशाही
कायस्थ खबर डेस्क I इलाहबाद से एक बड़ी खबर ने कल से लोगो को हिला दिया है I देश के सबसे बड़े कायस्थ ट्रस्ट कायस्थ पाठशाला में कल कुछ नए नियम अपडेट किये गये जिनके अनुसार
१) नए सदस्यों की मेम्बरशिप २१00 से घटा कर ११०० कर दी गयी
२) किसी भी सरकारी कर्मचारी के ट्रस्ट के अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी I
३) अध्यक्ष के लिए उम्र घटा कर ३५ वर्ष की गयी
इन दोनों नियमोके बारे में जानकारी होते ही इलाहबाद की राजनीती में तूफ़ान आ गया , सबसे पहले इलाहबाद में अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे डा विवेक श्रीवास्तव का बयान इसको लेकर आया की ये नियम बस उन्हें रोकने के लिए लाया गया है , और वो इसके विरोध में अपनी पत्नी जो की इलाहबाद में गय्नोकलाजिष्ट हैं को चुनाव लड़ायेंगे I हालांकि डा विवेक अपनी बातो पर कितना खरा उतरेंगे वो वक्त ही बताएगा I
लेकिन कायस्थ खबर ने जब इस मुद्दे पर इसके तकनिकी पहलु पर जान्ने की कोशिश कितो पता चला की इस आर्डर में काफी खामियां है I सर्व प्रथम तो इस प्रकार के किसी निर्णय को कायस्थ पाठशाला की रिव्यु कमिटी (जिसमे लगभग १२लोग है ) की अंतिम मीटिंग में नहीं भेजा गया था खुद जितेन्द्र नाथ सिंह उस मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे I उस मीटिंग में शामिल हुए ४ लोगो (रामू दादा , adv दिलीप श्रीवास्तव समेत एक वरिष्ठ जज ) के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया I तो ऐसे में कैसे ये पस्ताव आम सभा में जा सकता है I
कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार आम सभा में जब इसी सवाल को भानु प्रसाद सिंह ने उठाया तब भी इस मीटिंग में ना पहुँचने की बात को गोल मोल कर दिया गया I ऐसे में एक बार कायस्थ पाठशाला को लेकर हो राजनीती में ज़बरदस्त तूफ़ान आ गया है I हालांकि सामने आकर कितने लोग इस मामले पर बोलेंगे ये अभी देखने की बात होगी I
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