"कायस्थवृन्द" के माध्यम से वह सक्रिय कायस्थो व कायस्थ संस्थाओ को शीघ्र प्रस्तावित "युवा कायस्थ महासम्मेलन" इलाहाबाद में , ,कुतर्क,अहंकार,द्वेष व निन्दा आदि से ऊपर उठकर सहभागिता करने का सदर आह्वान किया है ।उनका कहना है की अगर हम सब सकारात्मक दिशा में नही सोचेंगे व नकारात्मकता को हटाने का प्रयास नही करेंगे तो निश्चित ही कुल गौरव कवि "नीरज" जी की थे पंक्तियां हमें कचोटती रहेंगी।
आँख भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई
पाँव जब तलक़ उठे कि ज़िंदगी फ़िसल गई
उनका मानना है व अब तक के परिणामो से सिद्ध होता है कि "सामूहिक नेतृत्व"के बिना कायस्थ समाज का विकास सम्भव नही।साथ ही ये भी शास्वत सत्य है कि "युवा" को नेतृत्व देना ही होगा परन्तु आवश्यक है युवाओ के प्रशिक्षण व पथप्रदर्शन किया जाये !
युवाओ से आग्रह है की आप #mail - dhirendraratna@gmail.com अथवा / एवम् #whatsapp - 8765629576 पर अपना नाम व पता भेज कर अपने विचार से अवगत कराये जिससे आयोजको की दशा व दिशा भी तय हो सके वही आपकी भी प्रत्यक्ष एवम परोक्ष सहभागिता सुनिश्चित हो सके।ध्यान रहे कि हम किसी भी प्रकार के आयोजन हेतु किसी प्रकार का चन्दा नही लेते है।
25 जून को चन्दौली जनपद व मुगलसराय स्टेशन का नामकरण यशस्वी प्रधानमंत्री स्व०लाल बहादुर शास्त्री के नाम करने हेतु युवा कायस्थो के वाराणसी ,अलाहाबाद लखनऊ सहित तमाम जिलों किये गए प्रयास को इलेक्ट्रानिक व पिंट मीडिया ने संजीदगी व गम्भीरता से लिया।
धीरेन्द्र श्रीवास्तव के नेत्र्तिव में एक टीम दिल्ली की जंतर मंतर पर भी अपना रोष दर्ज करायी 25 जून का असर दिखा और कायस्थ समाज एकजुट हुआ !
अब कायस्थ समाज के युवाओ का वक्त है की वह आगे आये और अपनी जिम्मेदारी निभाए !!
सबका साथ सबका विकास तभी संभव है जब सभी अपना स्वार्थ व् लाभ छोड़कर एकजुट हो एक साथ हो ..आइये मिलकर आगे बढ़े !!
“सामूहिक नेतृत्व”के बिना कायस्थ समाज का विकास सम्भव नही- अलोक श्री
हम न रुकेंगे हम न थकेंगे ...जिद्द है हमारी मंजिल को हम पाएंगे
धीरेन्द्र श्रीवास्तव आज तमाम उतर चढ़ाव के बावजूद अपने सार्थक मिसन के लिए लगे हुए है और कायस्थ समाज के उत्थान व् एकता के लिए लगातार कार्य कर रहे है !उनका कार्य व् योजना सामने नही है पर वह फिर एक बड़े योजना को सफल करने में लगे हुए और काफी हद्द तक उसमे सफल हो रहे है !
दशको से वह कायस्थ समाज के लिए कार्य कर रहे है और आज भी वह अपना पूर्ण समय और धन बल लगा रहे है !