एक मजेदार बात बताऊँ साथियो, जब-जब मै आपको यह बताता हूँ कि "कायस्थवृन्द"के आयोजनो में किसी प्रकार का "चन्दा" नही लिया जाता है। अनेक संस्थाओ से जुड़े पदाधिकारी/गैर पदाधिकारी व्हाट्सेप पर सक्रिय हो जाते है।कभी वो मेरी सहमति के बिना मुझे अपने ग्रुप में जोड़कर मेरी छविहनन करते है तो कभी अपने ग्रुप को राज्य और स्वयं को मुख्य मंत्री समझकर बड़ी बेदर्दी से मुझे निकाल देते है। कही वे चन्दाखोर तो नही है वे जिन्हें कमाई बन्द होने का भय सताने लगता है? है न मजेदार बात ! लेकिन एक बात तो तय है कि हम बिना चन्दा लिये ही कायस्थ एकता व विकास का लक्ष्य प्राप्त करेंगे क्योकि आप जो हमारे साथ हो। सौरभ श्रीवास्तव धीरेन्द्र श्रीवास्तव का समर्थन में लिखते है धीरेन्द्र भाई आज पैसा उगाही का माध्यम बन चुका है लोग समाज सेवा जैसा पवित्र कार्य भी चंदे के लिए करते है खैर आप हम सभी कायस्थ बंधु ऐसे नही है अभी हमसब का ज़मीर जिंदा है जबतक हम आप जैसे लोग समाज मे रहेगे इनकी दाल नही गलने देगे आप संघर्ष करते रहो हमसभी आप के साथ है आपको गिरने या दबने नही देगे इसका जवाब हर तरीके से देगे जय चित्रांश ,जय कायस्थवृन्द । इस पर गाजियावाद के समाज सेवी वी पी श्रीवास्तव सवाल उठाते है भाई धीरेन्द्र जी , आपने लिखा कि "कायस्थवृन्द"के आयोजनो में किसी प्रकार का "चन्दा" नही लिया जाता है। आपका यह सेवा भाव हम सभी संस्थाओं के लिए अनुकरणीय है | आप सही माने में बधाई के पात्र है | मै भी आपका अनुशरण करना चाहता हूँ कृपया बताने की कृपा करेंगे कि किसी कार्यक्रम के लिए हाल की बुकिंग , टेंट एवं साज सज्जा तथा मेहमानों के आव भगत एवं भोजन रहने की व्यवस्था कैसे करते हैं | 1. क्या आपको यह सब मुफफ्त में मिल जाता है ? यदि आप यह सेवा मुफ्त में ले रहे हैं तो आप मुफ्तखोर होंगे ? 2. क्या सारा खर्चा आप अकेले ही बहन करते हैं ? यदि हाँ ,तो आप अपना अधिपत्य बरक़रार करने के लिए एसा करते हैं ? 3. यदि उसमे भाग लेने वाले स्वेच्छा से सहयोग करते हैं ? तो यह भी एक प्रकार का गुप्त चंदा हुआ यानि हवाला का पैसा जिसका कोई रकार्ड रखने की जरुरत नहीं ? 5. आजकल यदि कोई छोटा व्यापारी ,कारोबारी या सामाजिक संस्था कार्य करती है तो उसके साकार ने रजिस्ट्रेशन से सम्बंधित कुछ नियम बना रखे है उसका हमें पालन करना चाहिए | चंदा लेना या स्वेच्छिक सहयोग लेना इसमें क्या बुराई है ? तन ,मन , धन से अपनी सामर्थ्य के अनुसार कोई चंदा या सहयोग करता है तो अच्छी बात होनी चाहिए | मगर इसमें आप हिसाब किताब रखने में बंध जायेंगे | वही बिहार से माया लिखती है ऐ बात मैं पहले से ही जानती ।ये अपनी आदत से मजबूर हैं ये कभी नही सुधरेगें आगे बढ़ते हुए को टाँग जरूर खीचेंगे ।ऐ किसी को आगे बढ़ते नही देख सकते ।आप के साथ ही नहीं लगभग लोगों के साथ । देहरादून से ए एस वर्मा वी पी श्रीवास्तव जी को जबाब देते हुए कहते है V p srivastava ji आप ने जितने भी विचार रखे है सारे नेगेटिविटी को दर्शाता है। positive सोच रखें सब का जबाब मिल जाये गा। आखिर कार धीरे वीपी श्रीवास्तव जी को जबाब देकर बात ख़तम करते है आदरणीय V.p. Srivastava जी पता नही ऐसा क्यो महसूस होता है कि आप प्रायः प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष विरोध करते रहते है। अनेक उदाहरण है इस बात के। हालॉकि आपने पोस्ट ध्यान से नही पढ़ी। प्रतीक्षा करे आपके प्रशनो का जवाब पोस्टके माध्यम से जल्द ही दूँगा। वही इस आग का धुँआ कहीं दूर भी उठा , धीरेन्द्र श्रीवास्तव के पूर्व साथी को किसी ग्रुप में टारगेट करते हुए सवाल पूछे जाते है आखिर हमारे कामो को टारगेट क्यूँ करते है धीरेन्द्र अब देखना ये बाकी है की कायस्थ समाज में चंदे के बहाने उठी ये बहस कहाँ तक जाएंगी कौन कौन समाज सेवी और इस बहस में कूदेंगे और कितने ब्यान आयेंगे , कायस्थ खबर इन सब पर लगातार नजर रखे हुए है आपको अपडेट देता रहेगा
चंदाखोरो पर बरसे धीरेन्द्र श्रीवास्तव तो लोगो ने कहा हमारे कामो को टारगेट क्यूँ करते है धीरेन्द्र
कायस्थ खबर डेस्क I एक बार फिर से धीरेन्द्र श्रीवास्तव कायस्थ समाज में चंदेबाजो को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है I इससे पहले राज्य सभा सांसद भी संस्थाओं में चंदे को लेकर होने वाले घोटालो पर लोगो को इससे बचने की सलाह दे चुके है I धीरेन्द्र सोशल मीडिया पर लिखते है