दुःख होता है जब कोई सामने वाले से मिला नही।उसे व उसके योगदान से परीचित नही है पर किन्ही लोगो के इशारे पर असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुये सामूहिक संस्कृति की धज्जी उड़ा देते है। क्या अपने समाज व साथियो को अपमानित,/ विघटित करने के लिये हमने ग्रुप बनाया है ? बहुत सोचने के बाद हमने निर्णय लिया है कि हम अनेक व्हाट्सेप ग्रुपो से अपने को बाहर करे। हमारे पास 12187 व्हाट्सेप नं नाम व जनपद सहित सुरक्षित है जो मेरी बात आप तक पहुँचाने हेतु पर्याप्त है। हमारा व्हाट्सेप नं 8765629576 है, कृपया अपने फोनबुक में सुरक्षित कर ले।आपको सुविधा होगी।कायस्थवृन्द के "मुखिया" एवम "कायस्थ खबर" ग्रुपो को छोड़कर सभी ग्रुपो से left कर रहा हूँ।कभी किसी एडमिन को केवल सकारात्मक कार्यो/प्रयासो व चर्चा के लिये मेरी आवश्यकता महसूस हो तो मुझसे बात कर निश्चित अवधि के लिये मुझे जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है। जाने अन्जाने में हुयी किसी भी त्रुटि के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ।मेंरे left करने को मेरा विरोध न समझा जाये।सभी के प्रति पूर्ण सम्मान है मेरे हृदय में। "कायस्थ एकता व विकास" के लिये सदैव प्रयास करता रहूंगा। सभी कायस्थ जन के लिये मैं नित्य प्रातः 7 से 8 एवम सायं 9 से 10 रोज अपने सम्पर्क मोबाईल 7570070096 एवम 8765639576 पर सामान्य तौर पर उपलब्ध रहूँगा। हम विश्वास करते है कि हम होंगे कामयाब । अपने इस विश्वास के साथ कि "कायस्थवृन्द" ही "कायस्थ सम्भावनाओ" का एकमात्र विकल्प व केन्द्र हो सकता है। आपका अपना धीरेन्द्र श्रीवास्तव मुख्य समन्वयक "कायस्थवृन्द"
क्या अपने समाज व साथियो को अपमानित/विघटित करने के लिये हमने ग्रुप बनाया है ? – धीरेन्द्र श्रीवास्तव
साथियो,
"व्हाट्सेप" अपनी धनात्मक बातो/समस्यायों/उपलब्धियो को ग्रुप सदस्यो तक पहुचाने व उनकी बाते जानने का अच्छा माध्यम है।
दूसरे समाज व प्रोफेशनल्स के ग्रुपो में सकारात्मक बाते होती रहती है।हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे समाज के हजारो ग्रुप इस मामले में फेल हुये है।
आश्चर्यजनक है कि ग्रुप एडमिन व अन्य सदस्य समस्त नकारात्मक बातो पर न केवल मौन रहते है बल्कि पूरे प्रकरण से उदासीन रहते है।
कोई भी कायस्थ व्हाट्सेप ग्रुप विषय विशेष पर चर्चा करने व एकमत निर्णय करने का अच्छा माध्यम ने सकता था पऱ ग्रुप क्रियेटर/एडमिन्स की उदासीनता व लापरवाही से पूरी तरह से विफल हुये।